डायरिया (दस्त) क्या है? इसके लक्षण, कारण, प्रकार और इलाज (Diarrhea in Hindi)

डायरिया एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो बहुत से लोगों को अपने जीवन में अनुभव होती है। यह समस्या अक्सर पानी या खाद्य संबंधित संक्रमण (foodborne infections) से होती है, जिसमें वायरस, बैक्टीरिया, या परजीवी (parasites) शामिल हो सकते हैं। डायरिया ( Diarrhea) आमतौर पर कुछ दिनों में स्वयं ठीक हो जाता है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक बना रहता है, तो इस पर ध्यान देना आवश्यक होता है।

डायरिया क्या है? (What Is Diarrhea?)

Miracles Apollo Cradle/Spectra Gurgaon के प्रसिद्ध आंतरिक चिकित्सा चिकित्सक (Internal Medicine Doctor in Gurgaon) के अनुसार डायरिया (Diarrhoea), जिसे "दस्त" (Loose Motion) भी कहा जाता है, एक सामान्य पेट की समस्या है जिसमें व्यक्ति को अत्यधिक दस्त होते हैं और बार-बार बाथरूम जाने की आवश्यकता होती है। यह सामान्यतः बैक्टीरिया, वायरस, या पैराजाइट्स के कारण होता है, जो पानी या खाद्य से शरीर में प्रवेश करके पाचन प्रक्रिया (digestion) को प्रभावित करते हैं। 

गर्भवती महिलाओं और बच्चों में इम्यूनिटी कम होती है, जिससे उन्हें डायरिया का खतरा अधिक होता है। कई बार किसी दवा का सेवन करने से भी पेट की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें डायरिया (Diarrhea) भी शामिल हो सकता है। इससे व्यक्ति को अधिक दस्त, पेट में दर्द (stomach pain), गैस (gas), उबकाई (nausea), थकान (Tiredness) , और प्यास (thirst) की भावना होती है।

इसलिए, स्वच्छता, स्वस्थ खाने पाने का पालन, और स्वच्छ पानी का सेवन करना डायरिया से बचाव में महत्वपूर्ण है। 

Statistics: राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (National Institutes of Health) के शोध के अनुसार भारत में  डायरिया (Diarrhoea) बच्चों में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है, और यह  5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में प्रति वर्ष 13% मौतों का कारण है।

डायरिया के कितने प्रकार होते हैं? (Types of Diarrhoea in Hindi)

डायरिया मुख्य रूप से तीन प्रकार का हो सकता है: 

  1. एक्यूट डायरिया (Acute Diarrhea): यह डायरिया अचानक शुरू होता है और सामान्यत: 2 सप्ताह से कम समय के अंदर स्वयं ठीक हो जाता है। इसके कारण खाद्य या पानी के संक्रमण, खाद्य पदार्थों से आलर्जी (food allergies), या अन्य संक्रमण (Infection) हो सकते हैं।

  2. पर्सिस्टेंट डायरिया (Persistent Diarrhea): यह डायरिया अधिक समय तक चलता है, लेकिन 2-4 सप्ताह से कम समय में स्वयं ठीक हो जाता है। इसे आमतौर पर अधिक गंभीर समस्या के रूप में लिया जाता है और इसके लिए चिकित्सा  की आवश्यकता होती है।

  3. क्रॉनिक डायरिया (Chronic Diarrhea): यह डायरिया >=4 सप्ताह तक चलता है। इसे अक्सर किसी गंभीर स्थिति या लंबे समय तक के संक्रमण का परिणाम माना जाता है। इसे निदान और उपचार के लिए चिकित्सक की सलाह की आवश्यकता होती है।

यदि आप दस्त (Loose Motion) के लक्षणों (signs of diarrhea) का अनुभव कर रहे हैं, तो कारण और इसके उपचार के बारे में जानने के लिए अपने नजदीकी आंतरिक चिकित्सा चिकित्सक Dr. Saurabh Jindal (internal medicine doctor near you) से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

डायरिया के लक्षण (Diarrhea Symptoms in Hindi)

डायरिया के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:

  • पानी जैसा मल (watery stool)

  • पेट की शोथ (stomach inflammation)

  • बार-बार मल-त्याग की इच्छा (frequent urge to defecate)

  • पेट दर्द और दस्त (stomach ache and loose motion) 

  • असहनीयता (discomfort)

  • उबकाई या जी मिचलाना (nausea or vomiting)

  • गैस (gastric problem)

  • थकान और कमजोरी (fatigue and weakness)

  • बुखार (fever)

  • मल के साथ खून आना (bleeding in stool)

  • भूख में कमी आना (loss of appetite)

  • बदहजमी (indigestion)

  • शरीर में पानी की कमी होना (dehydration)

शिशुओं में होने वाले डायरिया के लक्षण (Symptoms of Diarrhea in Children)

  • पेशाब का कम होना (less urination

  • मुंह का सूखना (dry mouth) 

  • सिरदर्द (headache)

  • थकान (tiredness)

  • 102°फेरेनहाइट से अधिक बुखार ( Fever (over 102°F)

  • मल में खून या मवाद आना (blood or pus in stool)

  • काला मल (black stool)

  • चिड़चिड़ापन (irritation)

  • अधिक नींद आना (excessive sleepiness)

दस्त की समस्या विशेषकर उन बच्चों में हो सक्ती है, जिनका वजन कम है। इसलिए, बच्चों में लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ।

डायरिया होने का क्या कारण है? (Causes of Diarrhea in Hindi)

डायरिया के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे सामान्य शामिल हैं:

  1. संक्रमण (Infection): बैक्टीरिया, वायरस, और पैराजाइट्स संक्रमण सबसे आम कारण होते हैं। ये संक्रमण खाद्य या पानी के संक्रमण, अस्वच्छ हाथों से संपर्क, या संक्रमित खाद्य पदार्थों (contaminated foods) के सेवन से हो सकते हैं।

  2. आहार में बदलाव (Modification in diet): अचानक खाने के अनियमितता (irregularity), अत्यधिक मसालेदार या तीखे खाद्य पदार्थों (extremely spicy food) का सेवन, या अचानक आहार में बदलाव डायरिया (diarrhea)का कारण बन सकते हैं।

  3. अल्लर्जी (Allergy): किसी खाद्य पदार्थ के खिलाफ अल्लर्जी भी डायरिया का कारण बन सकती है।

  4. गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल समस्याएं (Gastrointestinal problems): क्रोन रोग (Crohn's disease), आइबीएस (IBS), या उल्सरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis) जैसी गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल समस्याएं भी डायरिया के कारण हो सकती हैं।

  5. तनाव, और चिंता (Stress and Anxiety): तनाव और चिंता के कारण भी पेट की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें डायरिया (Diarrhea) शामिल हो सकता है।

  6. दवाओं का सेवन (Drug abuse): कई बार दवाओं का सेवन करने के बाद भी डायरिया हो सकता है ।

ये केवल कुछ कारण हैं और डायरिया के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। डायरिया के लक्षण होने पर, व्यक्ति को उपचार के लिए सामान्य चिकित्सा चिकित्सक (best general physician in gurgaon) से संपर्क करना चाहिए।

डायरिया का निदान (Diagnosis of Diarrhoea in Hindi)

डायरिया का निदान निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

  1. रोगी का इतिहास लेना (Patient medical history): डॉक्टर पहले रोगी का पूरा इतिहास लेते हैं, जिसमें खाद्य पदार्थों का उपयोग, संभावित संक्रमण के संपर्क में आना, दवाओं का सेवन, और अन्य संबंधित तत्वों का विचार किया जाता है।

  2. शारीरिक परीक्षण (Physical examination): डॉक्टर शारीरिक परीक्षण के द्वारा रोगी के शारीरिक लक्षणों का मूल्यांकन करते हैं, जैसे कि पेट का दर्द, जी मिचलाना, और डेहाइड्रेशन के लक्षण।

  3. स्टूल परीक्षण (Stool test): स्टूल का विश्लेषण किया जाता है ताकि संक्रमण, पारसाइट्स, और अन्य संभावित कारणों का पता लगा सकें।

  4. रक्त परीक्षण (Blood test): रक्त परीक्षण, विभिन्न संक्रमणों और पोषक खानपान की कमी का पता लगाने में मदद कर सकता है।

  5. इमेजिंग टेस्ट (Imaging test): कुछ मामलों में, डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट जैसे कि एक्स-रे (x-ray), सोनोग्राफी (ultrasound), या कम्प्यूटेड टॉमोग्राफी स्कैन (CT scan) का निर्देश दे सकते हैं, जो अत्यधिक गंभीर मामलों को निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं।

  6. आत्म-निरीक्षण (Self examination): डायरिया के लक्षणों को स्वयं नोट करना भी महत्वपूर्ण हो सकता है। यह डॉक्टर को सही निदान करने में मदद कर सकता है।

इन विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके डायरिया (diarrhea) का निदान किया जा सकता है, जिससे सही उपचार का प्रारंभ किया जा सकता है।

डायरिया (दस्त) का इलाज (Treatment of Diarrhea in Hindi)

डायरिया का इलाज निम्नलिखित रूप से किया जा सकता है:

  1. हाइड्रेशन (Hydration): डायरिया के समय बार-बार पतला मल होता है जिसके कारण शरीर में शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) की कमी हो जाती है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर अधिक से अधिक तरल पदार्थों, पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स के सेवन का सुझाव देते हैं। शिशु या व्यक्ति को नियमित अंतराल में छोटी-छोटी मात्रा में पानी, राइस वाटर, नमकीन बिस्कुट, या ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन का सुझाव देते हैं। गंभीर स्थिति  होने पर डॉक्टर अंतःशिरा जलसेक (intravenous infusion) के माध्यम से शरीर में तरल पदार्थ इंजेक्ट करते हैं ताकि शरीर की कमजोरी दूर हो सके।

  2. खानपान में सुधार (Modification in diet): डायरिया के समय, पेट को आसानी से पचने वाले और सुखद खाद्य पदार्थ खाने चाहिए, जैसे कि चावल, दही, खिचड़ी, सूप। ऐसे में तला हुआ और मसालेदार भोजन का सेवन रोकना चाहिए।

  3. दवाओं का सेवन (Diarrhea Medicines): डॉक्टर के सलाह के अनुसार, डायरिया के लक्षणों को कम करने के लिए दवाइयों का सेवन किया जा सकता है। इसमें जीरा और अजवाइन पाउडर, प्रोबायोटिक्स (probiotics), और एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) शामिल हो सकते हैं। लेकिन इनका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें।

  4. आराम (Rest): डायरिया के समय, व्यक्ति को पूरी तरह से आराम देना चाहिए। खासकर बच्चों के मामले में समर्थन और प्रेरणा (support and inspiration) का प्रदान करना भी महत्वपूर्ण है।

यदि किसी व्यक्ति के डायरिया के लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें, तो वे अपने नजदीकी आंतरिक चिकित्सा चिकित्सक (general physician doctors near me) से संपर्क करें। डायरिया (Diarrhoea)के सही उपचार के माध्यम से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है और संबंधित समस्याओं को रोका जा सकता है।

डायरिया की रोकथाम (Prevention of Diarrhea in Hindi)

डायरिया की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन किया जा सकता है:

  1. स्वच्छता का पालन (Adherence to cleanliness): हमेशा साफ-सुथरे हाथों से खाना खाएं और पानी पीएं। संक्रमित खाद्य या पानी से बचने के लिए उन्हें अच्छी तरह से पकाएं और उबालें।

  2. स्वच्छ जल का सेवन (Consume clean water): केवल सुरक्षित और स्वच्छ पानी का उपयोग करें, जैसे कि उबला हुआ और फ़िल्टर किया हुआ पानी।

  3. हाइजीन संज्ञान (Hygiene awareness): शौचालय की सफाई और अलग स्थान पर शौच करने की प्रेरणा दें।

  4. खाद्य संरक्षण (Food preservation): खाद्य संरक्षण के नियमों (food safety rules) का पालन करें, जैसे कि खाद्य संरक्षण, खाद्य अधिकतम समय तक न रखें (keeping food for a longer period of time), तथा खाद्य साझा न करें।

  5. वैक्सीनेशन (Vaccination): विभिन्न टाइप्स की वैक्सीनेशन, जैसे कि रोटावायरस वैक्सीन (rotavirus vaccine), डायरिया के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती है।

  6. स्वस्थ्य आहार (Healthy diet): प्रोबायोटिक्स(Probiotics) और प्रीबायोटिक्स (prebiotics) के सेवन से पेट की संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

  7. स्वास्थ्य जीवनशैली (Healthy lifestyle): नियमित व्यायाम (Regular exercise), पूर्ण नींद (adequate sleep), और स्वस्थ्य जीवनशैली (a healthy lifestyle) का पालन करें।

ये सभी उपाय डायरिया के संक्रमण को कम करने और उसकी रोकथाम में मदद कर सकते हैं। विशेषकर बच्चों और बूढ़ों को इन उपायों का पालन करना चाहिए।

घर पर डायरिया (दस्त) का उपचार कैसे करें? Home Remedies For Diarrhea in Hindi

दस्त को घरेलू उपचार के जरिए ठीक किया जा सकता है, लेकिन यदि यह बार-बार हो रहा है या लंबे समय तक बना रहता है, तो एक चिकित्सक से परामर्श करना सर्वोत्तम होगा। यहां कुछ आम घरेलू उपचार हैं जो आप अपने घर पर अपनाएं:

  1. हाइड्रेशन(Hydration): दस्त से शरीर में पानी की खो जाती है, इसलिए पानी पूरी तरह से हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। आप पानी, नमकीन नारियल पानी, अंगूर रस, चावल का पानी, लौकी का रस, दही का सेवन सकते हैं।

  2. केला(Banana): केला दस्त को कम करने में मदद कर सकता है।

  3. अजवाइन का पानी (Celery water): एक कप पानी में अजवाइन भरकर उसे उबालें और फिर ठंडा करके पीएं।

  4. दही (Curd): दही का सेवन करें, यह प्रोबायोटिक्स होता है और आपकी पाचन प्रणाली को सुधार सकता है।

  5. राइस वॉटर (Rice water): चावल को पकाने के बाद उसका पानी पीना भी दस्त के लिए लाभकारी हो सकता है।

  6. अदरक और शहद का मिश्रण (Ginger and honey mixture): अदरक का रस और शहद का मिश्रण भी दस्त को ठीक करने में मदद कर सकता है।

Conclusion (निष्कर्ष):

डायरिया (Diarrhea) एक साधारण समस्या है जो अन्य पाचनात्मक विकारों के साथ आती है। सही देखभाल और उपचार के साथ, इस समस्या का समाधान संभव है। लेकिन यदि लक्षण गंभीर हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं, तो चिकित्सक से परामर्श करना अनिवार्य है। निरंतर आहार और स्वच्छता की देखभाल करते हुए हम इस समस्या से बच सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।


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