सर्वाइकल पेन के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज

आजकल की अस्वस्थ जीवनशैली के कारण अनेक स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। इसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और शुगर (Diabetes) जैसी बीमारियों के साथ-साथ जोड़ों का दर्द (Joint Pain) जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी आम हो गई हैं । इन्हीं समस्याओं में से एक है सर्वाइकल पेन। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (WHO) के अध्ययन के अनुसार भारत में वर्तमान समय में सर्वाइकल पेन( Cervical Pain) एक आम समस्या बन गई है, लगभग 20-40% वयस्क आबादी को सर्वाइकल पेन उनके जीवन में किसी न किसी समय प्रभावित करता है। यह स्थिति विशेष रूप से गतिहीन जीवन शैली ( Sedentary Lifestyle) वाले व्यक्तियों और डेस्क जॉब (Desk Job) करने वाले लोगों में प्रचलित है, जिनमें पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक प्रभावित होती हैं। इसके अतिरिक्त, स्मार्टफोन और कंप्यूटर के बढ़ते उपयोग ने सर्वाइकल दर्द (Cervical Pain) के मामलों में वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यदि आप अपनी गर्दन में लगातार दर्द से पीड़ित हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए है । इस ब्लॉग पोस्ट में सर्वाइकल पेन क्या है, यह कैसे और क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इसके घरेलू इलाज क्या हैं के बारे में चर्चा करेंगे

सर्वाइकल पेन क्या है? What is Cervical Pain in Hindi

मिरेकल्स अपोलो क्रैडल/स्पेक्ट्रा में गुड़गांव के प्रसिद्ध आर्थोपेडिक डॉक्टर (Orthopaedic Doctor in Gurgaon) के अनुसार, सर्वाइकल पेन, जिसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस (Cervical Spondylosis) या सर्वाइकल दर्द भी कहा जाता है,गर्दन के ऊपरी हिस्से में होने वाला दर्द है, जो कंधों और हाथों तक भी फैल सकता है। यह दर्द अक्सर सर्वाइकल स्पाइन (Cervical Spine) या गर्दन की रीढ़ की हड्डी में किसी समस्या के कारण होता है। सर्वाइकल स्पाइन में 7 हड्डियाँ होती हैं, जिन्हें सर्वाइकल वर्टिब्रा(Cervical Vertebrae) कहते हैं। इन हड्डियों के बीच में डिस्क होती हैं, जो झटकों को अवशोषित करती हैं और गर्दन को लचीला बनाती हैं।

सर्वाइकल पेन विभिन्न कारणों से हो सकता है जैसे मांसपेशियों का तनाव (Muscle Tension), गर्दन की हड्डियों और जोड़ में समस्याएँ, उम्र के साथ होने वाले बदलाव, या चोटें। यह दर्द कभी-कभी नसों पर दबाव डालने के कारण भी हो सकता है और साथ ही आर्थराइटिस (Arthritis) या संक्रमण (Infection) जैसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ा हो सकता है। लगातार या गंभीर दर्द के मामले में डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

सर्वाइकल पेन के कारण Cervical Pain Causes in Hindi

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के मुख्य कारण (Cervical Spondylosis Causes) निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. गलत मुद्रा (Poor Posture): लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करना, मोबाइल का अधिक उपयोग करना, या झुककर बैठने की आदतें सर्वाइकल पेन का कारण बन सकती हैं।

  2. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): यह एक प्रकार का गठिया है, जो सर्वाइकल स्पाइन की हड्डियों को प्रभावित करता है। सर्वाइकल स्पाइन के जोड़ों में आर्थराइटिस की समस्या होने पर सर्वाइकल पेन हो सकता है

  3. डिस्क प्रोलैप्स (Disc Prolapse): जब सर्वाइकल डिस्क (Cervical Disc) अपनी जगह से हट जाती है या उभर जाती है, तो यह नसों पर दबाव डालती है, जिससे दर्द होता है।

  4. मांसपेशियों में खिंचाव (Muscle Strain): भारी सामान उठाने, अचानक गर्दन को झटका देने, या सोते समय गर्दन को गलत स्थिति में रखने से मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है, जो दर्द का कारण बन सकता है।

  5. गर्दन की चोटें (Neck Injuries): एक्सीडेंट या अन्य किसी चोट के कारण भी सर्वाइकल पेन हो सकता है।

  6. रीढ़ की हड्डी में उम्रजनित बदलाव (Age-Related Changes): उम्र बढ़ने के साथ-साथ सर्वाइकल स्पाइन में विभिन्न प्रकार के बदलाव आते हैं, जैसे कि हड्डियों की मजबूती कम होना ये बदलाव भी सर्वाइकल पेन का कारण बन सकते हैं ।

  7. तनाव (Stress): मानसिक तनाव और चिंता गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव और जकड़न पैदा कर सकते हैं, जिससे सर्वाइकल पेन हो सकता है ।​ ये कारण हमारे दैनिक जीवन की आदतों और हमारी शारीरिक गतिविधियों से जुड़े होते हैं। सही मुद्रा अपनाने, नियमित व्यायाम करने और तनाव कम करने से इस दर्द से बचा जा सकता है।​

सर्वाइकल पेन के लक्षण Cervical Pain Symptoms in Hindi

सर्वाइकल पेन के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. गर्दन में दर्द (Neck Pain): गर्दन के पीछे या साइड में दर्द।

  2. कंधों और ऊपरी पीठ में दर्द (Pain in Shoulders and Upper Back): गर्दन के दर्द के साथ कंधों और ऊपरी पीठ में भी दर्द हो सकता है।

  3. गर्दन की गति में कठिनाई (Difficulty in Neck Movement): गर्दन घुमाने या झुकाने में कठिनाई और दर्द।

  4. नसों में खिंचाव या झुनझुनाहट(Nerve Strain or Tingling): कभी-कभी दर्द नसों में फैल सकता है, जिससे हाथों या उंगलियों में खिंचाव या झुनझुनाहट हो सकती है।

  5. सिरदर्द(Headache): गर्दन के दर्द के साथ सिरदर्द भी हो सकता है।

  6. मांसपेशियों की कमजोरी (Muscle Weakness): गर्दन के आसपास की मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो सकती है।

  7. मांसपेशियों में जकड़न (Muscle Stiffness): गर्दन के आस-पास मांसपेशियों में कठोरता या जकड़न महसूस हो सकती है।

इन लक्षणों के गंभीर या लंबे समय तक बने रहने पर अपने नजदीकी किसी हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर (Consult an Orthopedic Doctor Near You) से परामर्श लें।

सर्वाइकल पेन का घरेलू इलाज Cervical Pain Treatment at Home in Hindi

सर्वाइकल दर्द से राहत (Cervical Pain Relief) पाने के लिए कई घरेलू उपचार भी मौजूद हैं

1. गर्म और ठंडी सिकाई (Hot and Cold Compress)

  • गर्म सिकाई (Hot Fomentation): एक गर्म पानी की बोतल या गरम तौलिये का उपयोग करें। इसे गर्दन के प्रभावित क्षेत्र पर 15-20 मिनट तक रखें।

  • ठंडी सिकाई (Cold Compression): आइस पैक (Ice Pack) या ठंडे पानी में भीगे हुए तौलिये का उपयोग करें। इसे 10-15 मिनट तक गर्दन पर रखें। गर्म और ठंडी सिकाई को बारी-बारी से करें।

 2. हल्की स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज (Light Stretching and Exercises)

  • गर्दन की स्ट्रेचिंग(Neck Stretching): धीरे-धीरे गर्दन को दाएं-बाएं, ऊपर-नीचे और गोल-गोल घुमाएं।

  • चिन टक एक्सरसाइज (Chin Tuck Exercise): सीधे खड़े होकर या बैठकर अपनी ठुड्डी को छाती की ओर धीरे-धीरे ले जाएं और कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें।

3. मसाज (Massage): गर्म तिल का तेल, नारियल तेल या जैतून का तेल लेकर हल्के हाथों से गर्दन की मालिश करें। यह रक्त संचार को बढ़ाता है और मांसपेशियों को आराम देता है।

4. सही मुद्रा (Correct Posture): बैठते समय रीढ़ को सीधा रखें और गर्दन को सहारा दें। सोते समय गर्दन को उचित सहारा देने के लिए सही तकिया का उपयोग करें।

5. योग और ध्यान (Yoga and Meditation)

  • योगासन (Yoga): भुजंगासन (Cobra Pose), मरजरीआसन (Cat-Cow Pose), और बालासन (Child's Pose) जैसे योगासन गर्दन के दर्द को कम करने में सहायक होते हैं।

  • ध्यान (Meditation): नियमित ध्यान और श्वास व्यायाम तनाव को कम करके सर्वाइकल पेन (Cervical Pain) को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

6. हल्दी और अदरक (Turmeric and Ginger)

  • हल्दी(Turmeric): हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है। हल्दी दूध या हल्दी की चाय का सेवन करें।

  • अदरक(Ginger): अदरक की चाय या अदरक का रस दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है।

7. आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Remedies)

  • अश्वगंधा(Ashwagandha): अश्वगंधा का सेवन तनाव और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

  • त्रिफला(Triphala): त्रिफला पाउडर का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

8. ईप्सम सॉल्ट बाथ (Epsom Salt Bath): गर्म पानी में ईप्सम सॉल्ट मिलाकर स्नान करें। यह मांसपेशियों को आराम देता है और दर्द को कम करता है।

9. संतुलित आहार (Balanced Diet): विटामिन D और कैल्शियम (Calcium) से भरपूर आहार का सेवन करें, जैसे दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, और मछली।

10. पर्याप्त विश्राम (Adequate Rest): अपने काम और आराम के बीच संतुलन बनाए रखें और पर्याप्त नींद लें।

इन घरेलू उपचारों के बावजूद यदि दर्द में सुधार नहीं होता है या दर्द बढ़ता है, तो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के इलाज (Cure for Cervical Spondylosis) के लिए गर्दन दर्द के विशेषज्ञ (Neck Pain Specialist) से परामर्श लें।

निष्कर्ष:

सर्वाइकल पेन (Cervical Pain) से बचने और इसे कम करने के लिए सही जीवनशैली और घरेलू उपायों का पालन करना जरूरी है। यदि दर्द ज्यादा बढ़ जाए तो आर्थोपेडिक से परामर्श अवश्य लें स्वस्थ आदतें अपनाने से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। यदि आप अधिक जानकारी चाहते हैं या किसी विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहते हैं, तो मिरेकल्स हेल्थ के विशेषज्ञों से संपर्क करें। हमारे अनुभवी डॉक्टर आपकी हर समस्या का समाधान करेंगे और आपको बेहतर स्वास्थ्य के लिए मार्गदर्शन देंगे।


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