निमोनिया क्या होता है - कारण, लक्षण, जांच और उपचार

स्वास्थ्य जीवन की सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है। अगर हम स्वस्थ रहेंगे, तो ही हम जीवन का सही आनंद ले पाएंगे। लेकिन कई बार कुछ बिमारियाँ हमें अचानक घेर लेती हैं, जिनमें से एक है निमोनिया (pneumonia)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निमोनिया बच्चों में मौत का सबसे बड़ा संक्रामक कारण है। 2019 में, निमोनिया ने 5 साल से कम उम्र के 740,180 बच्चों की जान ली, जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों की सभी मौतों में से 14% और 1 से 5 साल के बच्चों की सभी मौतों में से 22% के लिए जिम्मेदार है। आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में निमोनिया (pneumonia disease) के कारण, लक्षण, जांच और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।

निमोनिया क्या होता है? Pneumonia Meaning in Hindi

मिरेकल्स अपोलो क्रैडल/स्पेक्ट्रा में गुड़गांव के आंतरिक चिकित्सा चिकित्सक (internal medicine doctor in Gurgaon) डॉ. सौरभ जिंदल के अनुसार, निमोनिया (pneumonia) एक संक्रामक रोग है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। इस स्थिति में फेफड़ों के वायु थैली (alveoli) में सूजन हो जाती है और ये सूजन फेफड़ों में बलगम (Mucus) या मवाद (Pus) भरने का कारण बनती है। इसके परिणामस्वरूप सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस, या फंगस से हो सकता है।

निमोनिया के सामान्य लक्षणों (pneumonia symptoms) में तेज बुखार (high fever), खांसी(cough), छाती में दर्द (chest pain), सांस फूलना (breathlessness), और थकान (tiredness) शामिल हैं। बच्चों और बुजुर्गों में यह अधिक गंभीर हो सकता है। निमोनिया का इलाज (pneumonia treatment) एंटीबायोटिक्स (Antibiotics), एंटीवायरल्स (antivirals), या एंटीफंगल दवाओं (antifungal drugs) से किया जाता है, और गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है। टीकाकरण और अच्छे स्वच्छता अभ्यास निमोनिया की रोकथाम (preventing pneumonia) में सहायक हो सकते हैं।

निमोनिया के प्रकार क्या हैं? Types of Pneumonia in Hindi

निमोनिया के कई प्रकार होते हैं, जो इसके कारणों और संक्रमण के स्रोत पर आधारित होते हैं ।इन विभिन्न प्रकारों का निदान और उपचार इनके कारणों और गंभीरता पर निर्भर करता है।

  1. सामुदायिक अधिग्रहित निमोनिया (CAP): सामुदायिक अधिग्रहित निमोनिया (community acquired pneumonia)आमतौर पर समुदाय में पाया जाता है और अस्पताल के बाहर विकसित होता है। इसे बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से हो सकता है।

  2. अस्पताल अधिग्रहित निमोनिया (HAP): यह संक्रमण अस्पताल में भर्ती के दौरान विकसित होता है, खासकर 48 घंटों के बाद। यह अधिक गंभीर हो सकता है क्योंकि यह अक्सर एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया (antibiotic-resistant bacteria) से होता है।

  3. स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित निमोनिया (HCAP): यह निमोनिया (pneumonia) उन लोगों में होता है जो दीर्घकालिक देखभाल सुविधाओं में रहते हैं या हाल ही में अस्पताल में भर्ती हुए हैं।

  4. वेंटीलेटर-संबंधित निमोनिया (VAP): यह निमोनिया (pneumonia) उन लोगों में विकसित होता है जो वेंटिलेटर पर हैं। यह आमतौर पर गंभीर होता है और विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

  5. आकांक्षा निमोनिया: यह तब होता है जब व्यक्ति गलती से भोजन, तरल, या वमन को श्वसन तंत्र (respiratory system) में खींच लेता है। यह अक्सर बुजुर्गों या निगलने में कठिनाई वाले लोगों में होता है।

  6. अप्ररूपी न्युमोनिया (Atypical pneumonia): इसे वॉकिंग निमोनिया (walking pneumonia) भी कहा जाता है और यह माइल्ड (mikd) होता है। इसे मायकॉप्लाज्मा (mycoplasma), क्लैमाइडोफिला (chlamydophila) या लीज़ियोनेला बैक्टीरिया (legionella bacteria) द्वारा हो सकता है।

निमोनिया के कारण Pneumonia Causes in Hindi

निमोनिया के मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. बैक्टीरिया (Bacteria): स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा आदि।

  2. वायरस (Virus): इन्फ्लुएंजा, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) आदि।

  3. फंगल संक्रमण (Fungal Infection): कुछ फंगल संक्रमण भी निमोनिया का कारण बन सकते हैं।

  4. सामान्य सर्दी (Common Cold): यह साधारण ठंडी में होने वाले संक्रमण से निमोनिया हो सकता है।

  5. परजीवी (Parasite): कुछ मामलों में परजीवी भी निमोनिया का कारण हो सकते हैं।

  6. फ्लू (Flu): इन्फ्लूएंजा वायरस (influenza virus) से होने वाली बुखार और फेफड़ों में सूजन के कारण निमोनिया हो सकता है।

  7. मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV): यह वायरस विशेष रूप से बच्चों में निमोनिया का कारण बन सकता है।

  8. मानव पैराइन्फ्लुएंजा वायरस (HPIV): यह भी एक प्रकार का वायरल निमोनिया हो सकता है।

  9. लेगोनायर रोग (Legionnaires Disease): इसका कारण लेगोनेला बैक्टीरिया होता है, जो खासकर दूषित पानी के स्रोतों से हो सकता है।

  10. माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया (Mycoplasma Pneumoniae Bacteria): यह अन्य बैक्टीरियल संक्रमण के रूप में देखा जाता है, जिसे वॉकिंग निमोनिया भी कहा जाता है।

  11. न्यूमोकोकल रोग (Pneumococcal Disease): यह निमोनिया का एक अन्य बैक्टीरियल कारण है, जो न्यूमोकोकस बैक्टीरिया से हो सकता है।

  12. न्यूमोसिस्टिस निमोनिया (Pneumocystis Pneumonia): यह फंगल संक्रमण का कारण हो सकता है, खासकर उन लोगों में जिनकी इम्यून सिस्टम कमजोर होती है।

  13. श्वसन सिंसिटियल वायरस (Respiratory Syncytial Virus): यह बच्चों में सामान्य वायरल निमोनिया (viral Pneumonia)का कारण होता है।

ये विभिन्न कारक निमोनिया के कारण (pneumonia causes) बन सकते हैं और प्रत्येक के उपचार और रोकथाम के लिए अलग-अलग उपाय हो सकते हैं।

निमोनिया के संकेत और लक्षण Signs and Symptoms of Pneumonia in Hindi

निमोनिया के लक्षण (pneumonia symptoms) व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य स्तर और संक्रमण के प्रकार पर निर्भर करते हैं। जिनमें शामिल हैं:

  1. बुखार (Fever): अचानक से उच्च बुखार, जो आमतौर पर 102 डिग्री फ़ेरेनहाइट (38.9 डिग्री सेल्सियस) से ऊपर हो सकता है।

  2. खांसी (Cough): सूखी या गीली खांसी, जो कभी-कभी तेज या घातक हो सकती है।

  3. श्वास-संबंधी दिक्कतें(Respiratory Problems): श्वास लेने में कठिनाई, फेफड़ों में दर्द या दुखना, और श्वासन दर में वृद्धि।

  4. छाती में दर्द (Chest Pain): छाती के अंदर दर्द, जो गहरा और असहनीय हो सकता है।

  5. ब्रेथलेसनेस (Breathlessness): अधिक गंभीर मामलों में, श्वास लेने में मुश्किल या ब्रेथलेसनेस हो सकता है।

  6. शरीर में थकान( Tiredness): थकावट, मांसपेशियों में दर्द या असहमति का अनुभव हो सकता है।

यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ दिखाई दे रहे हैं और आपका संदेह है कि आप निमोनिया की समस्या (penumonia disease) से पीड़ित हो सकते हैं, तो तुरंत अपने नजदीकी आंतरिक चिकित्सा चिकित्सक (internal medicine doctor near you) से परामर्श लें।

छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षण  Pneumonia Symptoms in Young Children

छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षण (symptoms of pneumonia in young children)विशेष रूप से उनके आयु और रोग की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। जिनमें शामिल हैं:

  • बुखार (Fever)

  • ठंड लगना (Feeling Cold)

  • बेचैनी (Restlessness)

  • पसीना आना (Sweating)

  • त्वचा का लाल होना (Redness of Skin)

  • खाँसी (Cough)

  • साँस लेने में कठिनाई या तेज़ साँस लेना (Difficulty Breathing or Rapid Breathing)

  • भूख में कमी (Loss of Appetite)

  • उल्टी करना (Vomit)

  • शक्ति की कमी (Lack of Energy)

  • चिड़चिड़ापन (Irritability)

शिशुओं में आप निम्नलिखित लक्षण देख सकते हैं Signs of Pneumonia in Infant

  • सांस लेते समय घुरघुराने जैसी आवाज आना (Gurgling Sound While Breathing)

  • पेशाब की मात्रा में कमी (Decrease in Urine Volume)

  • पीली त्वचा (Pale Skin)

  • सामान्य से अधिक रोना (Crying More than Usual)

  • भोजन करने में कठिनाई (Difficulty Eating)

यदि आपका बच्चा उपरोक्त लक्षणों में से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें और अपने नजदीकी सामान्य चिकित्सक( general physician near you) से सलाह लें। बच्चों में निमोनिया गंभीर हो सकता है और सही समय पर इलाज से संक्रमण की गंभीरता को कम किया जा सकता है।

65 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों में निमोनिया के लक्षण Symptoms of Pneumonia in Adults Over 65 Years of Age in Hindi

65 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों में निमोनिया के लक्षण आमतौर पर अन्य वयस्कों से थोड़े अलग हो सकते हैं। जिनमें शामिल हैं:

  • मानसिक स्थिति में अचानक परिवर्तन (Sudden Change in Mental Status)

  • भूख कम लगना (Loss of Appetite)

  • थकान (Tiredness)

  • गंभीर मामलों में, श्वास लेने में मुश्किल (Breathing Problem) या ब्रेथलेसनेस (Breathlessness) हो सकता है

निमोनिया होने का सबसे अधिक खतरा किसे है? Who is Most at Risk For Pneumonia in Hindi

निमोनिया होने का सबसे अधिक खतरा विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ व्यक्तियों को खासकर अधिक जोखिम हो सकता है:

  1. वृद्धावस्था (Old Age): 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में निमोनिया का जोखिम अधिक होता है। वृद्ध व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक्षमता (immunity)कम होती है और उन्हें संक्रमण से बचाव करने में कठिनाई होती है।

  2. स्वास्थ्य समस्याएँ (Health Conditons): दिल की बीमारी (heart issues), डायबिटीज (diabetes), अस्थमा (asthma) जैसी अन्य रोगों से पीड़ित व्यक्तियों में भी निमोनिया का जोखिम बढ़ जाता है।

  3. प्रतिरक्षा कमजोरी (Immune Weakness): इम्यून सिस्टम में कमजोरी वाले व्यक्तियों में निमोनिया होने का जोखिम अधिक होता है।

  4. धूम्रपान(Smoking): धूम्रपान करने वाले लोगों में भी निमोनिया (pneumonia)का जोखिम बढ़ जाता है, क्योंकि यह उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है।

  5. अस्पताल में रहना(hospitalization): अस्पताल में भर्ती होने वाले व्यक्तियों में भी निमोनिया का जोखिम बढ़ सकता है, क्योंकि वहां संक्रमण के लिए अधिक संक्रिय होते हैं।

निमोनिया की जांच Diagnosis of Pneumonia in Hindi

निमोनिया की पुष्टि के लिए डॉक्टर कई प्रकार की जांचें कर सकते हैं, जैसे:

  1. शारीरिक परीक्षा (Physical Exam): चिकित्सक स्टेथोस्कोप का उपयोग करके फेफड़ों की आवाज़ सुनते हैं। निमोनिया से फेफड़ों में असामान्य आवाज़ें, जैसे क्रैकल्स या रैटलिंग हो सकती हैं।

  2. छाती का एक्स-रे (Chest X-Ray):  यह निमोनिया की पहचान करने के लिए सबसे आम और प्रभावी जांच है। इससे फेफड़ों में संक्रमण और सूजन के क्षेत्र को देखा जा सकता है।

  3. ब्लड टेस्ट(Blood Test): रक्त परीक्षण से संक्रमण की गंभीरता और प्रकार का पता लगाया जा सकता है। इससे सफेद रक्त कोशिकाओं की गिनती जो संक्रमण का संकेत देती है और अन्य बैक्टीरिया या वायरस की उपस्थिति का पता चल सकता है।

  4. स्पुटम टेस्ट (Sputum Test): खांसी के दौरान निकलने वाले बलगम (स्पुटम) का नमूना लिया जाता है और इसे प्रयोगशाला में जांचा जाता है ताकि बैक्टीरिया, वायरस, या फंगस का पता चल सके।

  5. पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry):  यह एक सरल परीक्षण है जिसमें उंगली पर एक छोटे सेंसर को लगाकर रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को मापा जाता है। निमोनिया के मामलों में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है।

  6. सीटी स्कैन (CT Scan): चेस्ट एक्स-रे से स्पष्ट परिणाम न मिलने पर सीटी स्कैन किया जा सकता है। इससे फेफड़ों का अधिक विस्तृत दृश्य मिलता है और संक्रमण की गंभीरता को समझने में मदद मिलती है।

  7. प्लूरल फ्लुइड कल्चर (Pleural Fluid Culture): अगर फेफड़ों के आसपास के क्षेत्र में द्रव भर गया है, तो उसे निकालकर परीक्षण किया जा सकता है ताकि संक्रमण का कारण पता चल सके।

  8. ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy): यह जांच तब की जाती है जब संक्रमण का कारण स्पष्ट नहीं होता है या जब निमोनिया का इलाज मुश्किल हो रहा होता है। इसमें एक पतली, लचीली ट्यूब (Bronchoscope) को नाक या मुंह के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचाया जाता है ताकि फेफड़ों की भीतरी संरचना का निरीक्षण किया जा सके।

ये जांचें निमोनिया की सही पहचान करने और उचित उपचार निर्धारित करने में मदद करती हैं। यदि निमोनिया का संदेह हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श ले।

निमोनिया का उपचार Pneumonia Treatment in Hindi

निमोनिया का उपचार संक्रमण के प्रकार और रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है। सामान्यतः निम्नलिखित उपचार शामिल हो सकते हैं:

  1. दवाइयाँ (Medications):

    • एंटीबायोटिक्स(Antibiotics): अधिकांश मामलों में, बैक्टीरियल निमोनिया के उपचार के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जाती हैं। इन्हें डॉक्टर द्वारा सलाह ली जानी चाहिए और उनकी विशेष निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।

    • अंटीवायरल या अंटीफंगल दवाएं (Antiviral or Antifungal Medications): वायरल या फंगल निमोनिया के मामलों में उपचार इन दवाओं से किया जाता है।

  2. अस्पताल में देखभाल (Hospital Care): गंभीर मामलों में, व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है ताकि उन्हें विशेष देखभाल और आवश्यक ट्रीटमेंट प्राप्त हो सके। अस्पताल में, डॉक्टर द्वारा इंट्रावेनस एंटीबायोटिक्स या अन्य दवाओं का प्रदान किया जा सकता है, और अंतिम समाधान प्राप्त करने के लिए अन्य प्रक्रियाओं जैसे कि ऑक्सीजन थेरेपी (oxygen therapy) भी दी जा सकती है।

निमोनिया से बचाव के उपाय Pneumonia Prevention Techniques in Hindi

निमोनिया से बचाव करने के लिए कुछ मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. हाइजीन (Hygiene): निमोनिया के संक्रमण से बचने के लिए साफ-सुथरे होना महत्वपूर्ण है। हाथ धोना, विशेष रूप से भोजन बनाने से पहले, और संक्रमित व्यक्ति के ब्यक्तिगत सामग्री का इस्तेमाल करने के बाद विशेषता से महत्वपूर्ण है।

  2. वैक्सीनेशन (Vaccination): निमोनिया के खिलाफ वैक्सीनेशन सबसे अच्छा बचाव है। प्राथमिकताएं प्राप्त करने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

  3. धूम्रपान से बचें (Avoid Smoking): धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने वालों में निमोनिया के विकार का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए निमोनिया से बचने के लिए धूम्रपान से बचें

  4. स्वस्थ आहार और व्यायाम (Healthy Diet and Exercises): स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें। इससे आपके शरीर की स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक्षमता में सुधार होता है।

  5. स्वच्छता बनाए रखना (Maintaining Cleanliness): सामान्य हाइजीन, जैसे कि नियमित हाथ धोना और साफ रखना, आपको संक्रमण से बचाव में मदद कर सकती है।

  6. समय पर उपचार (Timely Treatment): अगर आपको खांसी (cough), श्वास लेने में कठिनाई (breathing difficulty), या अन्य संकेत महसूस होते हैं, तो उन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। ये सरल उपाय आपको निमोनिया से बचने में मदद कर सकते हैं।

निष्कर्ष Conclusion:

निमोनिया (pneumonia) एक गंभीर बिमारी हो सकती है, लेकिन सही समय पर पहचान और उपचार से इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और किसी भी संदिग्ध लक्षण के प्रकट होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। आपका स्वास्थ्य, आपकी सबसे बड़ी पूंजी है, इसलिए इसे संभालकर रखें। स्वस्थ रहें, खुश रहें!


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