अगर आपको बवासीर है तो जानिए क्या खाएं और क्या न खाएं।

बवासीर या पाइल्स(Piles) एक बहुत ही सामान्य समस्या है, जिसमें मलाशय (Rectum) और गुदा (Anus) के आस-पास की नसें सूज जाती हैं। यह स्थिति दर्द(Pain), खुजली (Itching), रक्तस्त्राव(Bleeding), और कभी-कभी गंभीर असुविधा का कारण बन सकती है। बवासीर के मरीजों में अक्सर कब्ज (Constipation) की समस्या पाई जाती है, जो मल त्याग में कठिनाई बढ़ाती है और इससे असहनीय दर्द हो सकता है। सही खानपान (Diet) और स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle)अपनाकर इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। इस ब्लॉगपोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि बवासीर में क्या खाना चाहिए(what to eat in hemorrhoids) और क्या नहीं खाना चाहिए(what not to eat for hemorrhoids)। साथ ही, कुछ घरेलू नुस्खे और जीवनशैली में बदलाव के उपाय भी जानेंगे जो इस तकलीफ में राहत देने में सहायक हो सकते हैं।

बवासीर के लक्षण Symptoms of Piles

सबसे पहले, बवासीर के सामान्य लक्षणों को समझना आवश्यक है, ताकि आप समय पर सावधानी बरत सकें।

  • मल त्याग के दौरान दर्द (Pain during bowel movements): बवासीर में मल त्याग करते समय तेज दर्द महसूस होता है।

  • गुदा के आसपास दर्द और सूजन (Pain and Swelling around the anus): गुदा के आसपास मांसपेशियों में सूजन और दर्द हो सकता है।

  • खुजली और जलन(Itching and burning): गुदा क्षेत्र में खुजली और जलन महसूस होना एक सामान्य लक्षण है।

  • रक्तस्राव(Bleeding): कभी-कभी मल के साथ खून भी निकल सकता है, जिससे परेशानी और बढ़ जाती है।

यदि आप इन लक्षणों से ग्रस्त हैं, तो तुरंत अपनी जीवनशैली और खानपान पर ध्यान दें। सही आहार बवासीर के लक्षणों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बवासीर में फायदेमंद आहार: क्या खाएं? Beneficial Diet for Piles: What to Eat in Piles?

मिरेकल्स अपोलो क्रैडल/स्पेक्ट्रा में गुड़गांव के प्रमुख जनरल सर्जरी डॉक्टर (leading general surgery doctor in gurgaon) के अनुसार, बवासीर के उपचार और प्रबंधन में सबसे महत्वपूर्ण है सही आहार का चयन। सही आहार पाचन तंत्र को बेहतर बनाकर मल को मुलायम बनाता है, जिससे कब्ज (Constipation) और दर्द(Pain) से राहत मिलती है।

1. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ(Fiber rich foods): फाइबर एक ऐसा पोषक तत्व है जो बवासीर में बेहद मददगार साबित होता है। यह मल को मुलायम बनाता है और पाचन तंत्र को सुचारू करता है, जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है।

  • फाइबर के अच्छे स्रोत:

    • साबुत अनाज जैसे जई, दलिया, भूरे चावल, और क्विनोआ

    • बीज जैसे चिया सीड्स, अलसी के बीज

    • दालें

    • फलियां

    • राजमा, चने

    • मेवे

2. फल और सब्जियाँ(Fruits and vegetables): फलों और सब्जियों में प्राकृतिक फाइबर(Fiber), विटामिन(Vitamin), और पानी (Water) की मात्रा अधिक होती है। ये पाचन को बेहतर बनाने और कब्ज से राहत देने में मदद करते हैं।

  • फल(Fruits): सेब, केला, पपीता, नाशपाती, तरबूज, संतरा, और अंगूर। खासकर पपीता एक नैचुरल पाचक होता है, जो पाचन में सहायक होता है।

  • सब्जियाँ(Vegetables): पालक, ब्रोकोली, गाजर, पत्तागोभी, ककड़ी, और टमाटर। ये सभी सब्जियाँ शरीर को फाइबर प्रदान करती हैं और पाचन को सुचारू करती हैं।

3. पानी और अन्य तरल पदार्थ(Water and other liquids): शरीर में पर्याप्त पानी की कमी से मल सख्त हो सकता है, जिससे मल त्याग में कठिनाई होती है। इसलिए रोजाना 8-10 गिलास पानी पीना आवश्यक है। साथ ही आप अन्य तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, नींबू पानी, और छाछ का सेवन भी कर सकते हैं। पानी से मल नरम रहता है और शरीर के टॉक्सिन्स (Toxins) को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

4. दही और छाछ(Curd and buttermilk): दही और छाछ में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया के स्तर को बनाए रखते हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। यह आंतों में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को संतुलित करता है और पाचन को सुचारू करता है।

5. जड़ी-बूटियाँ(Herbs): अदरक, हल्दी, और अजवाइन जैसे मसाले पाचन को दुरुस्त करते हैं और सूजन कम करने में सहायक होते हैं। अदरक का पानी या हल्दी का दूध पीने से भी बवासीर में राहत मिलती है।अदरक पाचन तंत्र में सूजन को कम करता है और गैस की समस्या को रोकता है, जिससे बवासीर के लक्षणों में राहत मिलती है।

बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए? What not to Eat in Piles

कुछ खाद्य पदार्थ बवासीर के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। ऐसे आहार पाचन तंत्र पर दबाव डालते हैं, कब्ज को बढ़ाते हैं और दर्द तथा सूजन में वृद्धि करते हैं। इनसे दूर रहना आवश्यक है।

  1. मसालेदार और तैलीय भोजन(Spicy and oily food): ज्यादा मसाले और तेल वाले भोजन से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है, जो कब्ज और जलन को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे समोसा, पकौड़े, चिप्स और अन्य मसालेदार स्नैक्स से बचें।

  2. प्रसंस्कृत भोजन (Processed food): प्रोसेस्ड फूड्स में फाइबर की कमी होती है और इनमें कृत्रिम संरक्षक (Artificial preservatives) होते हैं, जो पाचन को प्रभावित कर सकते हैं। ये कब्ज और बवासीर के लक्षणों को अधिक गंभीर बना सकते हैं, इसलिए बिस्कुट, फास्ट फूड, इंस्टेंट नूडल्स और पैकेट वाले स्नैक्स से बचना चाहिए।

  3. गैस उत्पन्न करने वाले भोजन(Gas causing foods):कुछ खाद्य पदार्थ पेट में गैस और सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे बवासीर के दर्द में वृद्धि हो सकती है। जैसे आलू, फूलगोभी, मटर, छोले, और राजमा। ये खाद्य पदार्थ पेट में फुलाव उत्पन्न कर सकते हैं और मल त्याग को कठिन बना सकते हैं, इसलिए इनसे बचना लाभकारी हो सकता है।

  4. कैफीन और शराब (Caffeine and alcohol): कैफीन और शराब का अधिक सेवन शरीर में पानी की कमी पैदा कर सकता है, जिससे मल (Stool) कठोर हो जाता है और मल त्याग में कठिनाई होती है, जिससे बवासीर के लक्षण और भी बढ़ सकते हैं। इसलिए, इन पेय पदार्थों का सेवन सीमित रखना महत्वपूर्ण है।

  5. मीठे पदार्थ और शक्कर(Sweeteners and sugar): अधिक मीठे और चीनी वाले पदार्थ पाचन को धीमा कर सकते हैं, जिससे कब्ज की समस्या बढ़ सकती है। केक, पेस्ट्री, मिठाइयाँ और अन्य शक्कर युक्त खाद्य पदार्थ पाचन क्रिया में रुकावट डाल सकते हैं, जिससे बवासीर के लक्षणों को और बढ़ावा मिल सकता है। ऐसे पदार्थों का सेवन कम करना बेहतर होता है।

  6. लाल मांस(Red meat): लाल मांस पचने में कठिन होता है और इसमें फाइबर की मात्रा नहीं होती, जिसके कारण इसे पचाने में अधिक समय लगता है और कब्ज की समस्या हो सकती है। मटन, बीफ और पोर्क जैसे लाल मांस के विकल्प कब्ज के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इनका सेवन सीमित करना लाभकारी हो सकता है।

बवासीर में खाने का तरीका: किस प्रकार खाना चाहिए? Eating Habits For Piles: How to Eat?

बवासीर के दौरान केवल सही आहार चुनना ही नहीं, बल्कि उसे सही तरीके से खाना भी महत्वपूर्ण है ताकि पाचन बेहतर हो सके और लक्षणों में राहत मिले। यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं कि बवासीर में भोजन किस प्रकार करना चाहिए:

  1. थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाएं(Eat little and often): एक बार में बहुत ज्यादा भोजन करने की बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में और दिन में 4-5 बार खाएं। इससे पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता और भोजन आसानी से पचता है।

  2. खाने को अच्छी तरह चबाएं(Chew food thoroughly): हर निवाले को अच्छी तरह चबाकर खाएं। यह पाचन प्रक्रिया को आसान बनाता है और भोजन का पोषण बेहतर ढंग से शरीर में अवशोषित होता है, जिससे कब्ज और बवासीर के लक्षणों में राहत मिल सकती है।

  3. भोजन के साथ पानी न पिएं(Do not drink water with food): भोजन के तुरंत बाद या साथ में पानी पीने से पाचन एंजाइम कमजोर हो जाते हैं। बेहतर है कि भोजन के 30 मिनट पहले या बाद में ही पानी पिएं, ताकि पाचन सुचारू रूप से हो सके।

  4. फाइबर-युक्त भोजन को प्राथमिकता दें(Give priority to fiber-rich food): फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ कब्ज को रोकने में सहायक होते हैं, लेकिन अचानक बहुत ज्यादा फाइबर न लें। अपनी डाइट में फाइबर धीरे-धीरे शामिल करें ताकि शरीर उसे ठीक से समायोजित कर सके।

  5. संतुलित आहार लें(Eat a balanced diet): प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और फाइबर का संतुलन बनाए रखें। भोजन में साबुत अनाज, ताजे फल और सब्जियां शामिल करें ताकि पोषक तत्वों की कमी न हो और पाचन प्रक्रिया भी सही रहे।

  6. भोजन के बाद हल्की गतिविधि करें(Do light activity after meals): भोजन के तुरंत बाद लेटने से बचें। खाने के बाद 5-10 मिनट की हल्की चहलकदमी करने से पाचन प्रक्रिया में मदद मिलती है, जिससे कब्ज की संभावना कम हो जाती है।

  7. बहुत मसालेदार और तले-भुने खाने से बचें(Avoid very spicy and fried food): अत्यधिक मसालेदार या तला हुआ भोजन पाचन तंत्र को उत्तेजित कर सकता है और बवासीर के लक्षणों को और बढ़ा सकता है। हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन चुनें।

  8. प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स का सेवन करें(Take natural probiotics): दही, छाछ और खमीरीकृत खाद्य पदार्थों का सेवन पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया की वृद्धि करता है, जिससे पाचन में सुधार होता है और पेट की समस्याओं में राहत मिलती है।

इन सरल सुझावों का पालन करके आप अपने आहार को बेहतर बना सकते हैं और बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद पा सकते हैं। सही खानपान की आदतें अपनाने से पाचन बेहतर होता है, जिससे बवासीर के कारण होने वाले दर्द और असुविधा में राहत मिल सकती है।

बवासीर के लिए घरेलू नुस्खे Home Remedies for Piles

बवासीर में राहत पाने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी अपनाए जा सकते हैं जैसे की:

  • एलोवेरा जेल(Aloe vera gel): एलोवेरा जेल में सूजनरोधी गुण होते हैं। इसे प्रभावित स्थान पर लगाने से दर्द और खुजली में आराम मिलता है।

  • बर्फ का सेक(Ice pack): बर्फ का ठंडा सेक लगाने से बवासीर की सूजन और दर्द कम हो सकता है।

  • त्रिफला चूर्ण(Triphala powder): त्रिफला कब्ज दूर करने में सहायक होता है और पाचन में सुधार करता है। इसे रोजाना गुनगुने पानी के साथ लेने से राहत मिलती है।

  • अंजीर का सेवन(Eat Figs): रात को 2-3 अंजीर को पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट खाएं। यह पाचन को मजबूत बनाता है और कब्ज दूर करता है।

बवासीर के लिए लाइफस्टाइल टिप्स Lifestyle Tips for Piles

बवासीर के लक्षणों को कम करने और इसे बढ़ने से रोकने के लिए जीवनशैली में कुछ आवश्यक बदलाव लाने की जरूरत है।

  1. नियमित व्यायाम(Regular exercise): रोजाना 30 मिनट का हल्का व्यायाम जैसे चलना, योग या स्ट्रेचिंग, पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और कब्ज को रोकता है।

  2. तनाव को कम करें(Reduce stress): तनाव शरीर के हॉर्मोन्स को प्रभावित कर सकता है, जिससे पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ध्यान और मेडिटेशन से तनाव कम किया जा सकता है।

  3. लंबे समय तक बैठने से बचें(Avoid sitting for long periods of time): लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से बवासीर के लक्षण बढ़ सकते हैं। हर घंटे में थोड़ी देर के लिए चलें और स्ट्रेचिंग करें।

निष्कर्ष:

बवासीर में खानपान का सही चयन बेहद महत्वपूर्ण है। सही आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से बवासीर के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। याद रखें कि बवासीर का इलाज सिर्फ दवाओं से नहीं होता। यह एक संयमित जीवनशैली और संतुलित आहार का परिणाम है। यदि आपके बवासीर के लक्षण गंभीर हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं, तो मिरेकल हेल्थकेयर में अपने नजदीकी सर्वश्रेष्ठ जनरल सर्जन (best general surgeon near you) से परामर्श लें। डॉक्टर से परामर्श और सही इलाज से इस समस्या को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इस तरह का खानपान और जीवनशैली के बदलाव आपके बवासीर के लक्षणों को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं। अपने आहार को स्वस्थ बनाएँ और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।


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